रानी यशोवती या प्रमुख शासिका

                         भारत की पहली शासिका

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यह किस्सा है आज से कई बरसो पहले का । उस समय देश में महाजनपद शासन व्यवस्था थी और कुरु वंश का वर्चस्व चारों औेर था । मगध वंश में जरासंध और चेदी में शिशुपाल जैसे असुर राजाओं का शासन था ।  भारत राष्ट्र को एकता और नई शासन व्यवस्था स्थापित करने के लिए भगवान कृष्ण ने भगवद धर्म की स्थापना की । जब श्री कृष्ण शिशुपाल और जरासंध के साम्राज्य का अंत कर रहे थे समय कश्मीर का राजा था    गोनंद जो कृष्ण को अपना शत्रु मानता था और उन्हें युद्ध के लिए ललकारा करता था । आखिर में गोनंद के युद्ध का मुकाबला महाबली बलराम के साथ हुआ था । मिथकों के अनुसार ये युद्ध बरसो तक चला था अंत में गोनंद की मृत्यु हुई और महाबली बलराम विजई हुए । 

गोनंद की मृत्यु के बाद कश्मीर में एक नए युग की शुरुआत हुई। कृष्ण ने स्वयं रानी यसोवती का राज्याभिषेक अपने हाथों से किया । जैसे भारत के इतिहास में प्रथु पहले शासक मैने जाते है उसी प्रकार यसोवती पहली शासिका । 

 राजतरगनी-  यसोवती के राज्यकाल का वरण कल्हण की    पुस्तक राजतरगनी में किया गया है । राजतरगनी कल्हड़ द्वारा कश्मीर के लिखे गए इतिहास का एक प्रमाणिक दस्तावेज है । 600 ई से 1200 ई तक के सभी  राजवंश का उल्लेख है।

  पता तो चल ही गया  होगा की भारत की पहली महिला शासिका है -  रानी यसोवती| जो एक प्रतिभावान निडर महिला थी और प्रजा पार्वती मा का रूप मानकर सम्मान करती थी । रानी यसोवती शास्त्र और शस्त्र दोनों में निपुण थी । रानी द्वारा महिलाओं के अधिकार के लिए जो बाते उठाई गई थी। उसे हिंदी साहित्य में उत्तर प्रशन नामक नाटक में लिखा गया है ।
             

   श्रीकृष्ण ने गोनंद की मृत्यु के बाद कोई उतराधिकारी ना होने के कारण यशोवती को शासन देना चाहा|कृष्ण के इस कार्य का मंत्रीयों ने विरोध किया | श्री कृष्ण ने कहा ये स्थान देवी पार्वती का है |वो यहाँ की आदर्श हैं और होने वाला उतराधिकारी( महारानी की संतान) अगला सम्राट होगा | इस बात को सुनने के बाद  प्रजा ने रानी का  राज्याभिषेक करके शासिका स्वीकार कर लेेेते है ।       
                    
      अंत मे रानी कृष्ण से प्रशन्न करती है अगर पुत्र के स्थान पर पुत्री प्राप्त हुयी होती तो क्या वाह शासिका नही होती | कृष्ण कहते है जिस दिन तुम सब स्त्री समाज से प्रशन्न करोगी तो उत्तर भी मिल जायेगा और अधिकार भी |         

                      यह कहानी थी प्रथम भारतीय शासिका यशोवती की | 
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कश्मीर का इतिहास भारत के इतिहास में अपना अच्छा खासा स्थान रखता है । कश्मीर के नाम की उत्पत्ति कश्यप ऋषि से हुई है।  कश्मीर को धरती का स्वर्ग भी कहा जाता है क्योकि यह कुदरत का नायाब तोहफा है । कश्मीर सरस्वती और शिव की नगरी है खासकर मां सरस्वती की । पीओके में मां सरस्वती का शारदा पीठ आज भी मौजूद है ।
                कश्मीर की परम्परा में आज भी शिक्षा संस्कार से पहले पांच कदम शारदा पीठ की ओर चला जाता है । आज भी मां सरस्वती की पुत्री माता रानी वैष्णो देवी का मंदिर विश्व भर में विख्यात  है । कश्मीर संत और विद्वानों की भूमि रही है । इसमें कश्मीर की मीरा नाम से मशहूर संत हैं ललद अर्थात लल्ला और प्रमुख साहित्यकार है - कलहड़ ।

कलहड़ की प्रमुख पुस्तक राजतरगनी में कश्मीर के तीन प्रमुख राजवंश का जिक्र किया गया है 

1.लोहार वंश

2.उत्पल वंश

3.कर्कोट वंश

1. दिद्दा - कश्मीर के मध्यकाल काल में चुडैल रानी के नाम से विख्यात रानी है - दिद्दा । दिद्दा लोहार वंश की राजकुमारी तथा उत्पल घराना की महारानी थी ।  पिता सिंहराज और पति का नाम क्षेमेन्द्र था । सम्राट क्षेमेन्द्र की मौत के बाद 980 ई.  में दिद्दा कश्मीर के सिंहासन पर बैठी। दिद्दा ने कई युद्ध लड़े । जनश्रुति के अनुसार दिद्दा की लड़ाई महमूद गजनवी के साथ भी हुई है ।1003 ई. में दिद्दा की मौत हो गई है और उनका पुत्र नया राजा बना। दिद्दा को बहादुरी और चतुराई के कारण उन्हें कैथरीन ऑफ कश्मीर कहते है।

 हाल ही कंगना राणावत ने दा लेजेंडरी क्वीन ऑफ दिद्दा मूवी में रोल प्ले करने की घोषणा की है ।

2.कोटा- कश्मीर की अंतिम हिन्दू रानी थी - कोटा । कोटा लोहार वंश की राजकुमारी और रामचंद्र के बेटी थी । कोटा एक खूबसूरत और चतुर महिला थी । कोटा को खूबसूरत होने के कारण उन्हें कश्मीर की किलोपेट्रा कहा जाता है । कोटा का विवाह उद्वनदेव के साथ हुआ ।

        धोखे से रिचन ने रामचंद्र और उद्वनदेव की  हत्या कर दी और कोटा से विवाह कर लिया । कोटा ने रूप के जाल में फंसाकर अपने शत्रुओं से बदला लिया । अंत में शमशिर खा से विवाह के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और तोहफे में अपनी आंत को भेज दिया । इस प्रकार अंतिम हिन्दू रानी कि कहानी पूरी हुई ।

 कश्मीर के एक नहर का नाम कोटा के उपर ही रखा गया जो श्री नगर में जल पूर्ति करती है । इस नहर में झेलम का पानी आकर गिरता है ।

हाल ही फिल्म इंडस्ट्रीज द्वारा रानी कोटा पर फिल्म बनाने  की बात कही गई है ।
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